डीटीसी में तैनात मार्शल, ड्राइवर और कंडक्टर की सूझबूझ से न केवल एक संदिग्ध मरीज को वक्त पर अस्पताल पहुंचाया जा सका बल्कि कोरोना संक्रमण के खतरे से भी सभी को बचा लिया गया। कर्मियों ने संदिग्ध मरीज को बस में सफर करने देने की बजाय एंबुलेंस और पुलिस के जरिए मरीज को अस्पताल भिजवाया। लॉकडाउन के दौरान पहचान पत्र देखने के बाद ही बसों में प्रवेश का मौका दिया जा रहा है।

डीटीसी में तैनात मार्शल, ड्राइवर और कंडक्टर की सूझबूझ से न केवल एक संदिग्ध मरीज को वक्त पर अस्पताल पहुंचाया जा सका बल्कि कोरोना संक्रमण के खतरे से भी सभी को बचा लिया गया।




कर्मियों ने संदिग्ध मरीज को बस में सफर करने देने की बजाय एंबुलेंस और पुलिस के जरिए मरीज को अस्पताल भिजवाया। लॉकडाउन के दौरान पहचान पत्र देखने के बाद ही बसों में प्रवेश का मौका दिया जा रहा है। 



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